खसरा व रूबेला अभियान के तहत 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों का किया जाएगा टीकाकरण।

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TODAY EXPRESS NEWS (बिलाल अहमद) नूंह जिले में बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए आगामी 25 अप्रैल को खसरा और रूबेला अभियान चलाया जाएगा, जिसके तहत जिला में 4 लाख 57 हजार 862 बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। संबंधित विभाग के अधिकारीगण पुख्ता प्रबंध करे। अभियान के तहत जिला में 9 माह से 15 वर्ष के सभी बच्चों को खसरा और रूबेला वैक्सिन से वैक्सीनेट किया जाएगा। ये निर्देश उपायुक्त अशोक शर्मा ने लघु सचिवालय स्थित काफ्रैंस हॉल में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण भारत सरकार मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत जिला टास्क फोर्स बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।       उपायुक्त ने कहा कि 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों का आंकड़ा व पूर्ण रिकॉर्ड तैयार करे ताकि शत प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस अभियान को शत प्रतिशत कामयाब बनाना है, जिसके लिए अधिकारी अथक प्रयास करे। उन्होनें कहा कि कोई भी बच्चा वैक्सिन से वंचित न रहे। उन्होनें बताया कि यह अभियान 25 अप्रैल से आरंभ होगा जो आगामी 15 मई तक चलेगा। इस अभियान के तहत पहले सप्ताह में जिला के सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों, मदरसों/प्ले स्कूल में नर्सरी से 10वीं कक्षा तक के बच्चों को विशेष टीकाकरण शिविर लगाकर कवर किया जाएगा। दूसरे व तीसरे सप्ताह के दौरान सभी आंगनवाड़ी केंद्रों, आउटरीच सैशन साईट्स पर वैक्सीनेट किए जाएंगे तथा हाई रिस्क एरिया जिसमें मलिन बस्ती, भ_े, झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने वाले सभी बच्चों को मोबाइल टीम के माध्यम से वैक्सीनेट किया जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि अभियान के चौथे सप्ताह में खसरा रूबेला वैक्सीन से छूटे हुए सभी बच्चों को कवर करते उन्हें वैक्सीनेट किया जाएगा।

अशोक शर्मा ने इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अलावा शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, निजी स्कूलों के संचालकों व जिला के सभी बाल रोग विशेषज्ञों का मुख्य सहयोग लेने के संबंध में जरूरी दिशा निर्देश दिए। इसके अलावा इस अभियान को सफल बनाने के लिए भी पार्षद, पंचायत सदस्य, समाजसेवी संस्थाएं, एनजीओ, आईएमए/आईएपी, मीडिया, ग्राम पंचायतें, सामाजिक-धार्मिक संगठनों व विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों का सहयोग लेने बारे भी निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस अभियान का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार सुनिश्चित करे। इसके अलावा जन जागरण अभियान चलाकर बच्चों तथा उनके अभिभावकों को इस बारे जागरूक करे।
सिविल सर्जन डा. राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि जिला में 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को अभियान के दौरान कवर किया जाएगा, जिसके लिए जिला स्तर पर कोर ग्रुप बनाया गया है। उन्होंने कहा कि मोबाइल टीमें भी गठित की गई है। उपमंडल स्तर व गांव स्तर पर भी बैठकों का आयोजन कर जनता को अभियान बारे जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर अभियान की मॉनिटरिंग की जाएगी।
 उन्होंने कहा कि खसरा रोग जानलेवा बीमारी है और बच्चों में अपंगता और मृत्यु के बड़े कारणों में से एक है। खसरा बहुत संक्रामक रोग है और यह एक प्रभावित व्यक्ति द्वारा खांसने और छींकने से फैलता है। खसरा बच्चे को निमोनिया, दस्त और दिमागी संक्रमण जैसी जीवन के लिए घातक जटिलताओं के प्रति संवदेनशील बना सकता है। खसरा होने से तेज बुखार के साथ त्वचा पर दिखाई पडऩे वाले लाल चकते, खांसी, बहती नाक और लाल आंखे इसके लक्षण है। उन्होंने बताया कि अगर स्त्री को गर्भावस्था के आरंभ में रूबेला संक्रमण होता है तो सीआरएस (जन्मजात रूबेला सिंड्रोम) विकसित हो सकता है, जो भ्रूण और नवजात शिशुओं के लिए गंभीर और घातक साबित हो सकता है। प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान रूबेला से संक्रमित माता से जन्मे बच्चे में दीर्घकालीन जन्मजात विसंगतियों से पीडि़त होने की संभावनाएं बढ़ जाती है जिससे आंख, कान, मस्तिष्क प्रभावित होते हैं तथा दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि रूबेला से गर्भवती स्त्री में गर्भपात, अकाल प्रसव और मृत प्रसव की संभावनाएं बढ़ जाती है।  इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त जयबीर आर्य, एसडीएम नूंह डा. मनोज कुमार, एसएमओ डा. गोबिंद शरण,  डा. महेन्द्र गर्ग, सहित विभाग के अधिकारी मौजूद रहें।

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