डी.ए.वी. शताब्दी कॉलेज में ‘टीचिंग, लर्निंग एवं इवैल्यूएशन’ पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

0
1005
TODAY EXPRESS NEWS ( AJAY VERMA )एन एच -३ स्थित  डी.ए.वी. शताब्दी कॉलेज में  आई. क्यू. ए. सी. द्वारा राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद,  बैंगलूर द्वारा प्रायोजित टीचिंग, लर्निंग एवं इवैल्यूषन विषय पर आधारित राष्ट्रीय सेमिनार आयोजिन  किया गया। कार्यकर्म को आरम्भ करते हुए सेमिनार निदेशक एवं कॉलेज प्राचार्य डॉ आहूजा ने बताया की  इस सेमिनार का उदेश्य शिक्षा  एवं मूल्यांकन नीति की नई सम्भावनाओं के विषय में शिक्षाविद एवं नीति निर्माताओं के विचारों एवं दृष्टिकोण को एक ही मंच पर  चर्चा करना  है। इस सेमिनार के माध्यम से एक ऐसी मार्गदर्शिका तैयार करने की कोशिस की जा रही है  जोकि  प्रभावी शिक्षण-अध्ययन अनुभवों के माध्यम से विभिन्न पृष्टभूमियों एवं सुक्षमताओं के विद्यार्थियों को लाभानिवत करा सके।
सेमिनार की संयोजिका डॉ ज्योति राणा एवं डॉ सुनीति आहूजा  ने कारकर्म के विषय परिचय करवाते हुए कहा की इस सेमिनार में भारत के विभिन्न जगहों से कम से कम 250 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें स्कूल,कॉलेज और विश्वविद्यालय  स्तर पर ‘टीचिंग, लर्निंग एवं इवैल्यूषन’ में विभिन्न मुद्दों चुनौतियों और सुझावों  के संबंध में 50 रिसर्च पेपर प्रस्तुत किये गये है ।

उद्घाटन सत्र में  डॉ नसीब सिंह गिल, विभागअध्य्क्ष कंप्यूटर साइंस, एम् डी यु, रोहतक,   डा. एस. के. महापत्रा, निर्देषक, जयपुरिया स्कूल ऑफ बिजनेस, गाजियाबाद,  प्रोफेसर एम. एस. तुरन, डीन फैकल्टी ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमैण्ट एस. जी. टी. विश्वविद्यालय , गुरूग्राम एवं प्रोफेसर एस. के. बेदी, प्रोफेसर एंड डीन- एफ. सी. बी. एस. मानव रचना इंटरनेशनल  इन्स्टीटयूट ऑफ रिसर्च एण्ड स्टडीज, फरीदाबाद ने मुख्य रूप से अपने विचार रखे | डॉ गिल  ने कहा कि डिजी़टलाइजेषन को भी टीचिंग, लर्निंग प्रोसेस का सरलीकृत करने के रूप में देखा जाना चाहिए।
सेेमिनार को दो तकनीकी चरणों में जिसमें चार समानान्तर ट्रैक्स में  संचालित किया गया। ट्रैक ‘वन’-पैनल डिस्कशन और एक्सपर्ट स्पीकरस की प्रस्तुतियों को प्रोफेसर आई. जे. मित्तल, भूतपूर्व मुख्य स्टॉफ ऑफीसर, केन्द्रीय सचिवालय के द्वारा  अध्यक्ष किया गया। मुख्य सत्र के दौरान, विभिन्न मुख्य पैनलिस्ट स्पीकरस जो भारत के विभिन्न विश्वविद्यालय  से जुड़े हुए हैं जैसे प्रोफेसर रविन्द्र विनायक, निर्देषक, न्यू दिल्ली, डा. दिवाकर गोयल, निर्देषक, इन्डियन एवेषियन एकेडमी, न्यू दिल्ली तथा प्रोफेसर आर. एस. चिल्लर, भूतपूर्व हैड, कम्पयूटर विभाग, एम.डी.यू. रोहतक ने अपने मूल्यावान विचारों से पैनल सत्र को अलंकृत किया। डा. ज्योति राना ने इस ट्रैक के पैनल डिस्कशन कीे मध्यस्थता की। ट्रैक ‘दो’  के लिए रिसर्च पेपरस को डा. शीतला कपूर, कमला नेहरू कॉलेज  दिल्ली  विश्वविद्यालय के द्वारा अध्यक्ष किया गया। विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों के विषेष सत्र को डा. सीमा मलिक, भगतफूल सिंह महिला विश्वविद्यालय , खानपुर कलान, सोनीपत के द्वारा अध्यक्ष किया गया।
ट्रैक – ‘तीन’ पैनल डिस्कषन के लिए डा. वसुधा नीलमनि निर्देषक प्राचार्य, आर. डी. इंटरनेशनल  स्कूल, गुरूग्राम को अध्यक्षता प्रदान की गयी।  इस ट्रैक के पैनल सदस्यों के रूप में डा. मनी ए. नंधी  प्रोफेसर, जीएस एंड  मैरी कॉलेज, न्यू दिल्ली, डा. इशानी  पथारिया, डा. दिव्यज्योति सिंह और डा. दिशा  सचदेवा आमन्त्रित थे। ट्रैक -‘चार’ की पैनल डिस्कशन  की अध्यक्षता प्रोफेसर राहुल गुप्ता, डीन, एमेटी बिजनेस स्कूल के द्वारा की  गई।
समापन सत्र में प्रोफेसर दिनेश  कुमार, वाइस चान्सलर, वाई. एम. सी. ए. यूनिवर्सिटी  ऑफ साइन्स एंड टैक्नोलॉजी, फरीदाबाद ने कहा की टीचिंग, लर्निंग एवं इवैल्यूषन प्रक्रिया को तकनीकी के साथ जोड़कर करने से ही हम अपने उदेश्यों  को आसानी से प्राप्त कर सकते है और इसपर अधिक ध्यान देने की आव्यशकता  है  । समापन सत्र में मुख्या रूप से  प्रोफेसर डा. श्रीहरि, वाइस चान्सलर, जी डी गोइनका यूनिवर्सिटी गुरूग्राम,  डा. ए. के. पुण्डीर, रजिस्ट्रार, गुरू जंबेश्वर  यूनिवर्सिटी ऑफ साइन्स एंड टैक्नोलॉजी, हिसार थे।

 CONTACT : AJAY VERMA 9953753769 , 9716316892
EMAIL : faridabadrepoter@gmail.com

LEAVE A REPLY