वाईएमसीए विश्वविद्यालय ने एम.ए. (जर्नलिज्म व मॉस कम्युनिकेशन) के लिए पुनः मांगे आवेदन

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TODAY EXPRESS NEWS : फरीदाबाद, 3 अगस्त – वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद द्वारा एम.ए. (जर्नलिज्म व मॉस कम्युनिकेशन) पाठ्यक्रम में रिक्त सीटों पर दाखिले के लिए एक बार पुनः आवेदन आमंत्रित किये है तथा फिजिकल काउसंलिंग का कार्यक्रम घोषित किया है। अब विद्यार्थी एम.ए. (जर्नलिज्म व मॉस कम्युनिकेशन) पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए 8 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। मानविकी विभाग की अध्यक्ष डॉ. पूनम सिंघल ने बताया कि एम.ए. (जर्नलिज्म व मॉस कम्युनिकेशन) पाठ्यक्रम में आरक्षित श्रेणी की रिक्त सीटों पर पुनः आवेदन का निर्णय विद्यार्थियों के हितों को देखते हुए लिया गया है। उन्होंने बताया कि रिक्त सीटों पर दाखिला स्नातक में प्राप्त अंकों की मैरिट के आधार पर किया जायेगा, जिसमें आरक्षित श्रेणी की सीटों पर पहले आरक्षित वर्गों के विद्यार्थियों को वरीयता दी जायेगी। इसके उपरांत, सीटें रिक्त रहने पर आवेदन करने वाले सभी पात्र विद्यार्थियों को अवसर प्रदान किया जायेगा। इस समय पाठ्यक्रम में विभिन्न श्रेणी की लगभग 14 सीटें रिक्त है। डॉ. सिंघल ने बताया कि एम.ए. (जर्नलिज्म व मॉस कम्युनिकेशन) पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए न्यूनतम पात्रता किसी भी संकाय में 50 प्रतिशत अंकों सहित स्नातक है जबकि अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए न्यूनतम पात्रता 45 प्रतिशत प्राप्त अंकों की है। उन्होंने बताया कि पुनः आवेदन आमंत्रित करने से ऐसे विद्यार्थियों को लाभ होगा, जो स्नातक का परिणाम प्रतीक्षित होने या दस्तावेजों के आभाव में किसी कारण से आवेदन करने से वंचित रह गये थे। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन आवेदन करने वाले विद्यार्थियों के लिए पहली फिजिकल काउंसलिंग 9 अगस्त तथा दूसरी फिजिकल काउंसलिंग 13 अगस्त को होगी। इस संबंध में जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट http://www.ymcaust.ac.in पर भी देखी जा सकती है। डॉ. पूनम सिंघल ने बताया कि प़त्रकारिता एवं जनसंचार पाठ्यक्रम करने वाले विद्यार्थियों के लिए मीडिया के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। अब मीडिया केवल प्रिंट और टीवी तक सीमित नहीं है अपितु सोशल मीडिया में भी रोजगार उत्पन्न हो रहे हैं। अब मीडिया लेखन और वाचन कला तक ही सीमित नहीं है अपितु डिजिटल माध्यम भी कई अवसर प्रदान करता है। वेब मीडिया के बढ़ते प्रभाव के साथ, डिजिटल मीडिया ने सबसे आगे स्थान ले लिया है। पारंपरिक माध्यम की तुलना में यह आसान, सरल और कम महंगा है और यह अधिक प्रभावी है क्योंकि आप अपने मोबाइल और हाथ से आयोजित उपकरणों में एक सुविधाजनक चैनल के माध्यम से दूसरों तक पहुंच सकते हैं।  विश्वविद्यालय द्वारा करवाये जाने वाले दो वर्षीय पाठ्यक्रम में संचार शोध, विज्ञापन एवं जनसम्पर्क, टीवी एवं प्रिंट के साथ-साथ डिजिटल मीडिया आर्ट और कर्न्वजन्ट जर्नलिज्म भी पढ़ाया जा रहा है। साथ ही विद्याथियों को टीवी प्रोडक्शन की नई तकनीकों के बारे में भी बताया जाता है। विश्वविद्यालय द्वारा अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित स्टूडियो भी स्थापित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा पाठ्यक्रम शैक्षणिक सत्र 2016 में शुरू किया गया था और यह विश्वविद्यालय में आर्ट्स संकाय में एकमात्र पाठ्यक्रम है।

( टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ के लिए अजय वर्मा की रिपोर्ट )


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