कैंडर टेकस्पेस में 13,500 कर्मचारियों ने एक लाख कारपूल्स शेयर किए, 6 महीने में 256 टन कार्बन डाई ऑक्साइड की बचत की

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TODAY EXPRESS NEWS / REPORT / AJAY VERMA / जनवरी 2020: जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के खतरनाक स्तर से जूझते हुए ब्रुकफील्ड प्रॉपर्टीज द्वारा प्रबंधित कैंडर टेकस्पेस ने हाल ही में क्विक राइड के साथ साझेदारी की है। क्विक राइड भारत के प्रमुख राइड-शेयरिंग प्लेटफार्मों में से एक है और उसके साथ मिलकर गुरुग्राम, नोएडा और कोलकाता में अपने परिसरों में कर्मचारियों को हाइपर-लोकल कारपूलिंग सेवाएं उपलब्ध कराया जा रहा है।

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कैंडर टेकस्पेस ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि 13,500 कर्मचारियों ने कारपूलिंग सेवाओं का इस्तेमाल किया है – करीब एक लाख कारपूल शेयर करने के साथ पिछले छह महीनों में 256 टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन की बचत की है।

वर्तमान में कैंडर टेकस्पेस परिसरों में से प्रत्येक में 20 हजार से अधिक पेशेवर काम कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश दैनिक आवागमन के लिए पूरी तरह से अपने निजी वाहनों या कैब सेवाओं पर निर्भर थे। इस रणनीतिक टाई-अप ने इन पेशेवरों को कारपूलिंग का लाभ उठाने में सक्षम बनाया- जिससे सड़क पर ट्रैफिक कंजेशन में उल्लेखनीय कमी आई है और लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर में कटौती हुई है।

ब्रुकफील्ड प्रॉपर्टीज के इंडिया ऑफिस बिजनेस के सीईओ आलोक अग्रवाल ने कहा, “जब वायु प्रदूषण से निपटने की बात आती है तो हर छोटा या बड़ा कदम महत्वपूर्ण होता है और हम एनसीआर और कोलकाता की सड़कों पर ट्रैफिक कम करने में योगदान कर पाते हैं तो हमें खुशी होगी। क्विक राइड के साथ साझेदारी के तहत हम कार पूलिंग जो सॉल्युशन दे रहे हैं, वह हमारे आईटी और टेक पार्कों में युवा मिलेनियल वर्कफोर्स को प्रोत्साहित करते हैं। मुझे लगता है कि हर व्यक्ति सकारात्मक बदलाव का हिस्सा बनना चाहता है। पर्यावरण के प्रति जागरुक कंपनी के रूप में परिवहन के लिए स्वच्छ समाधान, सुरक्षित यात्रा पर कंपनी का फोकस है और यह प्रदूषण दूर करने में लंबा रास्ता तय करेगी। यह ब्रुकफील्ड प्रॉपर्टीज में हमारी प्राथमिकता रहेगी।”

 क्विक राइड के संस्थापक श्री राव ने कहा, “हमारा उद्देश्य एक ऐसे कॉर्पोरेट वर्कफोर्स की जरूरतों को पूरा करना है जो सड़कों पर वाहनों की भीड़ कम करने और वाहनों के प्रदूषण को कम करते हुए जलवायु परिवर्तन से जूझने को तैयार है। कैंडर टेकस्पेस के साथ साझेदारी ने कॉर्पोरेट्स में जागरुकता बढ़ाने के लिए इस मिशन को एक पायदान आगे बढ़ाया है। कारपूलिंग गति पकड़ रही है और यह देखना अच्छा है कि लोगों ने इसके महत्व को पहचान लिया है।”

भारत में बड़ी संख्या में पेशेवर काम कर रहे हैं, जिन्हें यदि सुविधा के स्तर पर समझौता किए बिना किफायती विकल्प प्रदान किया जाए तो वे निजी कारों और टैक्सियों से स्विच कर सकते हैं। कारपूलिंग एक गेम-चेंजिंग वैकल्पिक सॉल्युशन हो सकता है, जिसमें सालाना 22 बिलियन डॉलर तक की बचत होगी, जो ईंधन की खपत और मेंटेनेंस लागत में लग जाता है। क्विक राइड के साथ कैंडर का रणनीतिक जुड़ाव इस विजन को आगे बढ़ाएगा और सड़क पर यातायात की भीड़ और वाहनों के प्रदूषण को कम करने के मामले में कई भारतीय शहरों में नाटकीय बदलाव लाने की काफी संभावना है।

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