‘बियॉन्ड द क्लाउड्स’ का प्रमोशन करने दिल्ली पहुंचे ईशान खट्टर एवं मालविका मोहनन

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TODAY EXPRESS NEWS ( AJAY VERMA ) सुंदर-सलोने उभरते अभिनेता ईशान खट्टर एवं प्रतिभाशाली अभिनेत्री मालविका मोहनन अपनी बहुत जल्द रिलीज होने जा रही फिल्म ‘बियॉन्ड द क्लाउड्स’ के प्रमोशन के सिलसिले में पिछले दिनों राजधानी के पंचतारा होटल संग्रीला पहुंचे। यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में फिल्म के डायरेक्टर माजिद मजीदी के साथ दोनों लीड कलाकारों ने मीडिया के साथ खुलकर बातें कीं। इसी महीने की 20 तारीख को रिलीज होने वाली इस फिल्म की कामयाबी को लेकर फिल्म से जुड़े सभी लोग बेहद उत्साहित नजर आए।

   संवाददाता सम्मेलन में फिल्म के डायरेक्टर माजिद मजीदी ने मीडिया के सवालों का जवाब    देते हुए कहा, ‘मैं बाॅलीवुड के दो उभरते एवं बेहद प्रतिभाशाली कलाकारों ईशान खट्टर एवं मालविका मोहनन के साथ काम करके खुद को बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं, क्योंकि इन दोनों में मेरी उम्मीदों एवं अपेक्षाओं से कहीं आगे जाकर अपनी जिम्मेदारियों को अंजाम दिया है। हालांकि, दोनों कलाकार बाॅलीवुड के कलाकार घरानों से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन फिल्म में इन्हें कास्ट करने से पहले तक मुझे इस सच की कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन, आज मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि ईशान खट्टर एवं मालविका मोहनन दोनों न केवल आनेवाले कल के बाॅलीवुड के चमकते सितारे हैं, बल्कि ग्लोबल सिनेमा का भी ये अहम हिस्सा होंगे।’ इस फिल्म का आइडिया कहा से आया? के बारे में पूछने पर डायरेक्टर माजिद मजीदी ने कहा, ‘मैं अपनी हर फिल्म का विषय समाज से ही उठाता हूं। कई बार भ्रमण करने के दौरान भी अच्छी कहानी मिल जाती है, तो कभी समाज में घटने वाली घटनाओं से प्रभावित और प्रेरित हो जाता हूं। मेरी पहले की फिल्मों की ही भांति ‘बियांड दि क्लाउड्स’ भी मेरा एक ऐसा ही सिनेमाई अनुभव है, जो मानवी मूल्यों, प्रेम, दोस्ती और परिवार के संबंध के जड़ों तक जाता है।’ उल्लेखनीय है कि ‘बियांड दि क्लाउड्स’ माजिद मजीदी निर्देशित पहली हिंदी फिल्म है।

   वहीं, अभिनेता ईशान खट्टर ने कहा, ‘माजिद मजीदी जैसे इंटरनेशनल ख्यातिप्राप्त निर्देशक की पहली हिंदी फिल्म का हिस्सा होना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।‘बियांड दि क्लाउड्स’ की कहानी मुंबई की पृष्ठभूमि पर आधारित है। फिल्म में भाई-बहन की दिल छू देने वाली कहानी को सामने रखा गया है।’ हिंदी भाषा की फिल्म ‘बियांड द क्लाउड्स’ का नाम अंग्रेजी में रखने के बारे में ईशान ने बताया, ‘चूंकि इस फिल्म को पूरे विश्व में प्रदर्शित किया जा रहा है, इसलिए इस फिल्म का नाम ऐसा रखा है, जिसे हर देश का दर्शक समझ सके, लेकिन कोई सख्त या कठिन अंग्रेजी नाम नहीं रखा गया है। यह एक युनिवर्सल फिल्म है। बता दें कि ‘बियॉन्ड द क्लाउड्स’ पाकिस्तान सहित 34 देशों में रिलीज होगी। यह फिल्म गल्फ कॉरपोरेशन काउंसिल (जीसीसी) के देशों- ईरान, दुबई, कुवैत, ओमान, बाहरेन और कतर की 70 स्क्रींस पर दिखाई जाएगी। जीसीसी देशों के अलावा इस फिल्म की ओपनिंग अमेरिका, कनाडा, नीदरलैंड्स, बेल्जियम, मालदीव, लग्जमबर्ग, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, साउथ अफ्रीका, मलेशिया, जापान, कोरिया और इंडोनेशिया में भी होगी।’

   फिल्म की कहानी एवं इसमें काम करने के अनुभव के बारे में ईशान खट्टर ने कहा, ‘तमाम कलाकार ऐसे हैं, जिन्हें ऐसा सुनहरा मौका नहीं मिलता। माजिद मजीदी की यह फिल्म काफी जटिल है। मेरे किरदार में कई लेअर हैं, लेकिन मुझे कोई डर नही लगा, क्योंकि इस फिल्म ने मुझे चुना था, मैंने इस फिल्म को नहीं चुना। जब मुझे यह फिल्म मिली, तब और आज भी मैं इस स्थिति में नहीं हूं कि मैं माजिद मजीदी की फिल्म को चुन सकूं। मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि जब माजिद मजीदी ने मेरा आॅडिशन लेकर मुझे इस फिल्म के लिए चुना, उस वक्त उन्हें नहीं पता था कि मैं फिल्मी परिवार से संबंध रखता हूं। माजिद सर मेरे लिए पिता के समान हैं। जब तक आपके साथ उनका इक्वेशन न बन जाए, वह आपसे बात नहीं करते हैं। एक बार उनके साथ आपकी ट्यूनिंग बैठ गई, तो वह आपको इंसानों की तरह प्यार करने लगते हैं। वह पारिवारिक इंसान हैं और उनके लिए रिश्ते बहुत अहमियत रखते हैं। यही वजह है कि वह अपनी फिल्मों में भी रिश्तों को बड़ी खूबसूरती से पेश करते हैं। जहां तक फिल्म ’बियांड द क्लाउड्स’ की कहानी की बात है, तो ‘बियांड द क्लाउड्स’ की कहानी के केंद्र में बचपन में ही अनाथ हो चुके एक उन्नीस वर्ष के लड़के आमीर और उसकी बहन तारा है। आमीर ड्रग्स के अवैध धंधे से जुड़ा हुआ है, क्योंकि उसे रातों रात बहुत बड़ा इंसान बनना है। तारा अपने भाई को हर मुसीबत से बचाने के लिए प्रयत्नशील रहती है, लेकिन एक दिन पुलिस तारा को ही गिरफ्तार कर जेल में डाल देती है। कुछ दिन में ही तारा को अहसास हो जाता है कि वह जेल की काल कोठरी में मरना नहीं चाहती, लेकिन उनकी जिंदगी की रोशनी पर तो बादल छाए हुए हैं। कुल मिलाकर यह फिल्म भाई-बहन के बीच के रिश्ते और उनके बीच के गठबंधन की बात करती है। फिल्म पारिवारिक रिश्तों की बात करती है। इसमें मैंने मैंने आमीर का किरदार निभाया है।’

   मालविका मोहनन ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, ‘माजिद मजीदी सर के अब तक के करियर की पहली हिंदी फिल्म के लिए कास्ट किया जाना मेरे लिए किसी सपने के साकार होने से कमतर नहीं है, क्योंकि मैं काफी छोटी उम्र से ही माजिद सर के काम की प्रशंसक रही हूं। इस फिल्म में मैंने ईशान की बड़ी बहन का किरदार निभाया है, जिसे किसी वजह से अचानक जेल की सजा हो जाती है। इसके बाद ईशान मुझे हर तरह से बाहर निकालने की कोशिश करता है, जिसकी जिंदगी अचानक से बदल जाती है।’


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