FARIDABAD : ‘मेक इन इंडिया’ के लिए मैकेनिकल इंजीनियर्स को निभानी होगी अहम भूमिकाः प्रो. दिनेश कुमार ‘प्रौद्योगिक विकास के लिए औद्योगिक-अकादमिक को देना होगा प्रोत्साहन‘ ‘मैकेनिकल इंजीनियरिंग में रुझान व उन्नति’ विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न !!!

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फरीदाबाद, 17 मार्च – वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा हरियाणा स्वर्ण जयंती वर्षोत्सव उपलक्ष्य में ‘मैकेनिकल इंजीनियरिंग में रुझान व उन्नति’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आज संपन्न हो गया। सम्मेलन में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नये अनुसंधान चर्चा के केन्द्र बिन्दु रहे, जिसमें ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता के लिए विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन देने तथा औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने के लिए परस्पर औद्योगिक-अकादमिक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया गया। सम्मेलन में 100 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया तथा विभिन्न तकनीकी सत्रों के दौरान 68 शोध पत्र प्रस्तुत किये गये।

सम्मेलन के समापन सत्र में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. एस.पी. सिंह मुख्य अतिथि रहे। सम्मेलन की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद् – राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला, नई दिल्ली में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नवीन कुमार गर्ग कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे। इस अवसर पर संकायाध्यक्ष डॉ. संदीप ग्रोवर तथा डॉ. सी. के. नागपाल भी उपस्थित थे। उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ. राजीव साहा व डॉ. निखिल देव ने किया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को सफल बनाने में मैकेनिकल इंजीनियर्स की भूमिका को अहम बताया। उन्होंने कहा कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नई तकनीक एवं अनुसंधान का लाभ तभी लिया जा सकता है, जब नई तकनीक के लिए कुशल मानव संसाधन भी उपलब्ध हो। इसके मद्देनजर उद्योग और शिक्षा क्षेत्र को एकीकृत दृष्टिकोण अपनाते हुए एक-दूसरे की अपेक्षाओं को पूरा करना होगा ताकि भावी मानव संसाधन को बेहतर अवसरों के लिए तैयार किया जा सके।

समापन सत्र में डॉ. एस.पी. सिंह ने नैनो मैटिरियल में मल्टीस्केल मॉडलिंग व सिमुलेशन को लेकर व्याख्यान प्रस्तुत किया जबकि डॉ. नवीन कुमार गर्ग ने ‘अंशाकन और माप क्षमता’ विषय व्याख्यान प्रस्तुत किया तथा द्रव्यमान मापन की विभिन्न विधियों की जानकारी दी।

सत्र के अंत में डॉ. राजीव साहा ने सम्मेलन की कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में सात आमंत्रित व्याख्यान आयोजित किये गये, जिनमें पांच औद्योगिक तथा दो अकादमिक विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। विभिन्न समानांतर तकनीकी सत्रों के दौरान प्राप्त हुए सभी 75 शोध पत्रों में से 68 शोध पत्रों को सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया। ये सभी शोध पत्र सम्मेलन के चार मुख्य विषयों थर्मल इंजीनियरिंग, डिजाइन व विश्लेषण, उत्पादन व विनिर्माण इंजीनियरिंग तथा औद्योगिक इंजीनियरिंग पर आधारित थे। अंत में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ. निखिल देव ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

( REPORT BY AJAY VERMA 971 631 6892 )

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