पंजाब और उत्‍तर प्रदेश में टीबी को समाप्‍त करने में मदद करने के लिए इंडियनऑयल की सीएसआर पहल

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टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । रिपोर्ट । अजय वर्मा । इंडियनऑयल ने उत्तर प्रदेश के 75 जिलों और पंजाब के 23 जिलों में प्रत्येक में नगर समन्वय समितियों, जिला स्वास्थ्य समितियों, तकनीकी सहायता समूहों, आदि के साथ एकीकृत और प्राथमिक कार्यकलापों के माध्यम से सक्षम वातावरण उपलब्‍ध कराकर भारत में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) को समर्थन देने का निर्णय लिया है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अगले तीन वर्षों तक हर साल उत्‍तर प्रदेश और पंजाब की पूरी आबादी की जांच और परीक्षण करना होगा। रोगियों की सूची बनाने के बाद, उनका उपचार राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाएग।

टीबी भारत की सबसे गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक बनी हुई है। भारत में हर साल बड़ी संख्या में इसके ‘अज्ञात’ मामले होते हैं जिनका पता नहीं लगता है या रिपोर्ट नहीं की जाती है।

2018 में, भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2030 के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) से पांच साल पहले, 2025 तक भारत में टीबी को समाप्त करने का आह्वान किया था। भारत सरकार टीबी कार्यक्रम के लिए हर साल बजट में अच्छी-खासी राशि का प्रावधान करती है। हालांकि, इसकी विशालता को देखते हुए, सरकार के प्रयासों को मौजूदा संसाधनों, सेवा वितरण तंत्र और बुनियादी ढांचे को बढ़ाकर हर साल टीबी के कई अज्ञात रोगियों की पहचान करने में सहायता की आवश्यकता है। टीबी उन्मूलन एक राष्ट्रीय दायित्‍व है, और इसलिए उपचार के लिए टीबी रोगियों की पहचान करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। इसके लक्षणों की जांच के लिए लगभग पूरी आबादी तक हर साल पहुंचने की जरूरत है और अगले साढ़े तीन सालों में एक करोड़ से अधिक संभावित रोगियों के परीक्षण की आवश्‍यकता है, ताकि इसके फैलने की कड़ी को तोड़ने के लिए शुरुआती उपचार की पूरी कवरेज प्रदान की जा सके।

माननीय प्रधानमंत्री के दृष्‍टिकोण को साकार करने के लिए, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वावधान में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से, “टीबी मुक्त भारत” के “जन आंदोलन” में शामिल हो रहा है। एक जागरूक कॉर्पोरेट नागरिक होने के नाते इंडियनऑयल, जिसकी उत्तर प्रदेश और पंजाब में व्‍यापक पैठ है, ने मरीजों की पहचान करने, आपूर्ति-पक्ष को सुदृढ़ करने और वातावरण को सक्षम बनाने के सभी पहलुओं में तालमेल स्‍थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का निर्णय लिया है।

उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है (भारत की जनसंख्या का लगभग 20%)। 2020 में, 23.4 करोड़ से अधिक की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में भारत में टीबी के सबसे अधिक मरीज थे (20% से अधिक)। साथ ही, देश में अज्ञात अनुमानित मामलों की तुलना में यहां लगभग एक-चौथाई मामले हैं। पंजाब में कई राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर आते हैं और प्रवासियों के बीच टीबी रोगियों पर नज़र रखना एक बड़ी चुनौती है।

राज्य सरकार के सहयोग से, मांग एकत्रीकरण (मरीजों की पहचान) को समुदाय में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) कार्यक्रम चलाकर तथा राज्य में आशा, एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आबादी की सटीक जांच करने के लिए प्रोत्साहित करके उन्हें सुदृढ़ करने में सहायता दी जाएगी। मोबाइल वैन आदि के माध्यम से ब्लॉक स्तर पर मशीन और दवा वितरण तंत्र उपलब्ध कराकर परीक्षण के लिए और अधिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी ताकि आपूर्ति पक्ष को सुदृढ़ (बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाकर) किया जा सके।

देखभाल के अपने मूल मूल्य के भाग के रूप में, इंडियनऑयल हमेशा से भारत के लोगों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। महामारी के दूसरे दौर में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीज़न प्रदान करने से लेकर, अपने लाखों चैनल भागीदारों का टीकाकरण सुनिश्चित करने और महामारी के दौरान महत्वपूर्ण पेट्रोलियम उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने तक, ‘पहले इंडिया फिर ऑयल’ हमेशा इंडियनऑयल का मार्गदर्शक मंत्र रहा है।

K. John Prasad
Chief General Manager
Corporate Communications
Indian Oil Corporation Ltd.

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