समस्याओं को लेकर नहरपार विकास मोर्चा ने इंटरनाल मीटिंग लिया ये फैसला !

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नहरपार विकास मोर्चा की आज इंटरनल मीटिंग थी, जिसमे ट्रस्ट के पाँचो सदस्य अरुण भारतीय, रोहित रावत, सतिंदर दुग्गल, रेनू खट्टर एवेम योगीन्द्र सिंह शामिल थे।

नहरपार विकास मोर्चा का गठन व्यवस्था बदलने के प्रति एक सामूहिक प्र्यास है।

*नहर पार विकास मोर्चा*

ग्रामीण हो या शहरी, सोसाइटीज में रहते हो या कॉलोनी में, व्यापारी हो या मजदूर, महिला हो या पुरुष, वरिष्ठ नागरिक हो या युवा पीढ़ी सभी को साथ ले कर नहरपार के विकास के लिए काम करता रहा है व जन समस्याओं को शासन – प्रशासन तक पहुँचाते रहा है व नहरपार क्षेत्र के लिए मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार तक अपनी आवाज पहुँचाने के लिए आज भी प्रयासरत है।

आज का मुद्दा नेहरपार की एक सबसे बड़ी समस्या को लेकर था। यहाँ पर सीवरेज लाइन नही हैं, जिसकी वजह से यह सोसाइटीज़, कॉलोनी और गांव को बहुत ही समस्या से गुजरना पड रहा हैं।

यहाँ टैंकर माफ़िया काम करते है, और ये धंधा 1.5 crore महीने का है। जिसकी भरपाई सोसाइटी मैं रहने वाले रेसिडेंट्स को भुगतनी पड़ रही हैं।

बिल्डरों की वजह से यह बहुत भारी दिक्कत है और 7 साल से इस मुद्दें को एडमिनिस्ट्रेशन और लोकल नेताओं के साथ बार बार उठाया गया है।

जंतर मंतर तक इस पर धरने किये गये। किन्तु लोकल माफियों का धंधा बन्द न हो इसलिये इसका समाधान आज तक नही हुआ, सिर्फ आश्वासन ही मिले।

गांव, कोलोनी और सोइइटीएस ने मिल कर अब ये तय किया है कि इस समस्या को एक बार फिर से नेहतपार विकास मोर्चा के तहत उठाया और इसका निवारण किया जाये।

यहाँ की जनता के स्वास्थ्य को भी निरंतर खतरा बना हुआ है। इसके तहत NGT मे भी केस दायर हुआ और बिल्डर्स को फाइन वही हुआ। किन्तु इनकी चमड़ी इतनी मोटी है कि 5 -10 लाख इनके लीये एक मामूली रकम थी।

आने वाले आगामी संडे को मौजूदा सरकार के कुछ नेतायों के साथ इस पर विचार किया जायेगा और इसका निवारण भी।

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