फरीदाबाद। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में गुटखा, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों के निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पर एक वर्ष के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। खाद्य एवं औषधि विभाग के आदेश के अनुसार, इन उत्पादों का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होने के कारण यह कदम उठाया गया है। अगर कोई भी व्यक्ति इन आदेशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सरकार के अनुसार हर महीने हरियाणा में लगभग 2,916 नए कैंसर के मरीज सामने आते हैं और सालाना यह संख्या करीब 35,000 होती है। बढ़ते कैंसर मामलों और तंबाकू उत्पादों में मौजूद निकोटिन, भारी धातु और अन्य हानिकारक रसायनों को देखते हुए यह प्रतिबंध लगाया गया है। लंबे समय तक तंबाकू के सेवन से मुंह, गला, फेफड़े और अन्य अंगों में कैंसर होने का खतरा रहता है।
इस पहल के तहत फरीदाबाद के सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने टॉबैको फ्री यूथ कैक्वपेनिंग-3.0 के तहत मुंह के कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक किया। सीनियर डेंटल सर्जन डॉ. वंदना अरोड़ा ने लोगों को तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि मुंह में सफेद चकत्ते, बार-बार छाले या जुबान का ठीक से बाहर न आना कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि तंबाकू का सेवन घर के बच्चों और अन्य सदस्यों के लिए भी हानिकारक है। इसके साथ ही, तनाव कम करने के लिए लोग बीड़ी या सिगरेट का सहारा लेते हैं, जबकि योग और प्राणायाम बेहतर विकल्प हैं। इस मौके पर डॉ धीरज और अन्य चिकित्सक मुक्चय रूप से मौजूद रहे।
इस जागरूकता कार्यक्रम में स्थानीय नागरिक हरिशंकर और महिला उषा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ऐसे अभियान न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी आयोजित होने चाहिए और तंबाकू पर केवल एक साल का प्रतिबंध पर्याप्त नहीं है, इसे स्थायी रूप से लागू किया जाना चाहिए। उषा ने बताया कि उन्हें तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तृत जानकारी मिली, जिसे वह अपने जानकारों के साथ साझा करेंगे और उन्हें भी जागरूक करेंगे। फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग ने यह अभियान स्कूल, कॉलेज और गांव की चौपालों तक भी विस्तार करने की योजना बनाई है, ताकि लोगों में तंबाकू सेवन के खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और कैंसर जैसी घातक बीमारियों की रोकथाम हो सके।
टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ के लिए अजय वर्मा की रिपोर्ट