नेशनल, 26 नवंबर 2025: मसाई, भारत का प्रमुख परिणाम पर फोकस करने वाला एडटेक प्लेटफॉर्म, ने आई हब आईआईटी पटना के साथ साझेदारी में एप्लाइड एआई और एमएल एसेंशियल्स में अपने नए 4-महीने के ऑनलाइन सर्टिफिकेशन प्रोग्राम को लॉन्च किया। यह प्रोग्राम हिंदी, तेलुगु, मराठी और तमिल में पेश किया जाएगा, जो इसे पूरे भारत में क्षेत्रीय भाषाओं में प्रदान किए जाने वाला पहला आईआईटी समर्थित कोर्स बनाता है।
एआई और एमएल स्किल्स की मांग तेजी से बढ़ी है। आज की कंपनियां उम्मीदवारों से पहले ही दिन से एआई आधारित टूल्स का उपयोग करने और बिजनेस प्रॉब्लम्स हल करने की अपेक्षा रखती हैं। 70% उद्यमों का कहना है कि एआई और एमएल प्रतिस्पर्धी लाभ प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। 75% कंपनियां निर्णय लेने और बिजनेस परिणामों को बेहतर बनाने के लिए एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग करने की योजना बना रही हैं। इस बदलाव ने उपलब्ध नौकरियों और इन भूमिकाओं के लिए प्रशिक्षित टैलेंट के बीच एक स्पष्ट अंतर पैदा कर दिया है।
मसाई का उद्देश्य टियर-2 और टियर-3 शहरों के छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा को सुलभ बनाकर इस अंतर को कम करना है। नया प्रोग्राम लर्नर्स को उनकी अपनी भाषा में जटिल अवधारणाओं को समझने और वर्तमान जॉब मार्केट में आवश्यक व्यावहारिक स्किल्स प्राप्त करने की अनुमति देता है।
मसाई के सीईओ और को-फाउंडर प्रतीक शुक्ला ने कहा, “भारत के कई इलाकों में बहुत अच्छे और होनहार लोग हैं, लेकिन उन्हें सही तरीके से तकनीकी पढ़ाई मिलना मुश्किल है। बड़े शहरों के बाहर रहने वाले कई छात्रों के लिए, पढ़ाई की भाषा ही सबसे पहले रुकावट बन जाती है – विषय समझने से पहले ही। आईआईटी पटना के साथ हम इस कोर्स को हिंदी, तेलुगु, मराठी और तमिल में चला रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र एआई और एमएल सीख सकें। हमारा सिलेबस नई नौकरी वाले लोगों से कंपनियों को जो उम्मीदें हैं, उन पर फोकस करता है। हम मानते हैं कि इससे उन स्किल्स की तेजी से बढ़ती डिमांड वाले बाजार में तैयार पेशेवरों की संख्या मजबूत होगी।’’
विश्लेषण आई-हब फाउंडेशन, टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (टीआईएच) के सीईओ डॉ. साई किरण ओरुगांति, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पटना ने कहा, “विभिन्न सेक्टर्स की कंपनियां एआई और एमएल में निवेश कर रही हैं और पहले ही दिन से इन तकनीकों के साथ काम करने वाले प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की आवश्यकता है। कई सक्षम लर्नर्स उन्नत कोर्सेज करने से हिचकिचाते हैं क्योंकि भाषा के कारण सामग्री को समझने की उनकी क्षमता प्रभावित होती है। हम क्षेत्रीय भाषाओं में यह प्रोग्राम प्रदान करके उस अंतर को कम करने में मदद करेंगे और एआई टैलेंट की अधिक मजबूत पाइपलाइन बनाएंगे। मसाई के साथ हमारी साझेदारी का उद्देश्य उद्योग की आवश्यकताओं का समर्थन करना और देश में मजबूत एवं तैयार तकनीकी वर्कफोर्स में योगदान देना है।”
पाठ्यक्रम पायथन प्रोग्रामिंग और डेटा विजुअलाइजेशन से शुरू होता है। फिर यह रिग्रेशन, क्लासिफिकेशन, क्लस्टरिंग और मॉडल इवैल्यूएशन को कवर करता है। लर्नर्स डीप लर्निंग, न्यूरल नेटवर्क्स, सीएनएन, आरएनएन, ट्रांसफॉर्मर्स, रीइन्फोर्समेंट लर्निंग और कंप्यूटर विजन की ओर बढ़ते हैं। प्रोग्राम में नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, जेनरेटिव मॉडल्स, ऑटोएमएल, एमएलऑप्स और क्लाउड डिप्लॉयमेंट भी शामिल है। एआई के नैतिक उपयोग को सभी मॉड्यूल्स में शामिल किया गया है।
भाग लेने वाले कस्टमर सेगमेंटेशन, इमेज क्लासिफिकेशन और टेक्स्ट-बेस्ड एप्लीकेशन्स जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे। वे बिजनेस प्रॉब्लम्स पर एआई और एमएल तकनीकों को लागू करने की अपनी क्षमता दिखाने वाले पोर्टफोलियो का निर्माण भी करेंगे। प्रोग्राम और उसके मूल्यांकनों को पूरा करने के बाद, लर्नर्स को विश्लेषण आई हब आईआईटी पटना से सर्टिफिकेट प्राप्त होगा।
मसाई प्लेटफॉर्म पर नामांकन अब खुले हैं, और इच्छुक लर्नर्स पहले कोहोर्ट में शामिल होने के लिए अपनी आवेदन जमा कर सकते हैं।
