टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । अजय वर्मा । दुनिया भर में लोगों को फेफड़ों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से 25 सितम्बर को ‘विश्व फेफड़ा दिवस’ मनाया जाता है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद से पल्मोनोलॉजी विभाग की सीनियर कंसल्टेंट एवं एचओडी डॉ. विद्या नायर ने बताया कि धूम्रपान फेफड़े के कैंसर के लिए जिम्मेवार मुख्य कारणों में से एक है लेकिन धूम्रपान न करने वाले लोग भी फेफड़ों के कैंसर का शिकार हो सकते हैं। जिन स्थानों पर एस्बेस्टस बनता है या इस तरह के टॉक्सिक (जहरीले) केमिकल वाले वातावरण में लम्बे समय तक काम करने के कारण लोगों को फेफड़ों से संबंधित एस्बेस्टॉसिस रोग हो जाता है। फेफड़ों का यह रोग तब होता है, जब कोई व्यक्ति एस्बेस्टस फाइबर को सूंघता है। इन फाइबर के साथ लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण फेफड़े के टिश्यू पर निशान पड़ सकते हैं और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। एस्बेस्टॉसिस रोग के कारण व्यक्ति को फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
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