25 मई से 15 जून तक गांव में चलेगा कृषि विभाग का जागरूकता अभियान।

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TODAY EXPRESS NEWS (बिलाल अहमद) हरियाणा के मुख्य सचिव श्री डी.एस. ढ़ेसी ने सोमवार देर सायं को वीडियों कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेशभर के उपायुक्तों, कृषि विभाग के अधिकारियों तथा फसल अवशेष प्रबंधन से जुडे अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि केन्द्र सरकार की इन-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन योजना के सही क्रियान्यवन के लिए किसानों को नवीनतम कृषि उपकरणों का प्रयोग करने के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कृषि यंत्रों की मदद से पराली या अन्य फसल अवशेषों को खेत में ही दबाए जाने के प्रति किसानों को जागरूक करने को कहा।

    वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्य सचिव श्री ढ़ेसी ने बताया कि इन-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन पर्यावरण संरक्षण व किसानों के हित में एक नई योजना है, जिसके तहत केन्द्र सरकार द्वारा 215 करोड़ रुपये की राशि हरियाणा राज्य के लिए मंजूर की गई है। उन्होने सभी जिलोंं के अधिकारियों को निर्देश दिए वह अपने-अपने जिला में कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने के लक्ष्य को अतिशीघ्र पूरा करे ताकि किसान आधुनिक कृषि यन्त्रों का लाभ उठाकर इन-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन को अपना सकें। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन से सम्बन्धित कृषि उपकरणों पर सरकार द्वारा 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है, किसानों को इस बारे भी जागरूक करने की जरूरत है। जागरूकता के अभाव में किसान अनुदान का लाभ नहीं ले पाते, ऐसे में गांव में किसान गोष्ठियों व ग्राम सभाओं का आयोजन करके किसानों को नवीनतम कृषि यंत्रों के प्रयोग व अनुदान राशि के बारे में जागरूक करे।  कृषि विभाग के निदेशक डी.के. बेहरा ने निर्देश दिए कि कृषि विभाग द्वारा इन-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के प्रति किसानो में जागरूकता लाने के लिए 25 मई से 15 जून तक विशेष शिविर आयोजित किए जाएं। जागरूकता अभियानों में कृषि विकास अधिकारी, संबंधित ग्राम सचिव तथा कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी शामिल होंगे। इस मौके पर उपायुक्त अशोक शर्मा, कृषि विभाग के उपनिदेशक चांदराम, एसडीओ डा. अजीत ङ्क्षसह, एडीओ मनीष कुमार मौजूद थे।
 शहरी परियोजना अधिकारी नवल किशोर ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत शहरों में रेहड़ी लगाने वालो का उनके कार्य क्षेत्र पर सर्वे होगा। उन्होंने बताया कि यह काम रुदा अभिषेक इंटर प्राइजेज द्वारा किया जाएगा।
        शहरी परियोजना अधिकारी ने बताया कि सर्वे के दौरान ही रेहड़ी वालो के फोटो एवं दस्तावेज लिए जाएगें। राज्य सरकार द्वारा यह गरीब लोगों का सम्मानपूर्वक रोजगार मुहैया करवाने की दिया में उठाया गया कदम है। उन्होंने बताया कि शहर में रेहड़ी लगाने वाले हर व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड की प्रति व दो पासपोर्ट साईज फोटो उपलब्ध करवानी होगी। उन्होंने कहा रेहड़ी वालो की सुविधा के लिए पहचान-पत्र जारी किए जाएंगे एवं स्थान सुनिश्चत किया जाएगा। इसके अलावा उन्हें अपना काम व रोजगार बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण एवं ऋण की सुविधा दी जाएगी। उन्होंने सभी रेहड़ी वालो से अनुरोध किया कि वे अपनी सुविधा के लिए अपने रोजगार स्थल का मौके पर सर्वे करवाएं।

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