जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सूचना न दिलाने पर मंच ने एसआईसी (SIC) में दायर की द्वितीय अपील।

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Today Express News / Report / Ajay Verma / जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी न मिलने पर हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने  राज्य सूचना आयोग (एसआईसी) में द्वितीय अपील दायर की गई है। मंच ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा जमा कराए गए फार्म 6 व उसके साथ संलग्न की गई बैलेंस शीट की कॉपी मांगी गई थी जो प्रथम अपील दायर करने के बाद भी एसपीआईंओ द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने आरोप लगाया है कि सूचना व जानकारी फोटोस्टेट के साथ उपलब्ध कराने की एवज में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा ₹1000 देने की मांग की गई जब कि नियम यह है कि निर्धारित समय में सूचना न देने पर दायर की गई प्रथम अपील के बाद संपूर्ण सूचना मय सभी दस्तावेजों के निशुल्क प्रदान करानी होती है। कैलाश शर्मा ने इसकी भी शिकायत एसआईसी में की है। कैलाश शर्मा ने बताया कि मंच की ओर से 31 दिसंबर को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के एसपीआईओ के पास आरटीआई लगाकर फरीदाबाद के प्राइवेट स्कूलों द्वारा 31 दिसंबर 2018 व 2019 को बैलेंस शीट के साथ जमा कराए गए फार्म 6 की फोटो कॉपी मांगी गई थी। 27 जनवरी को एसपीअाईओ ने यह तो जानकारी दे दी कि कुल 190 प्राइवेट स्कूलों ने फार्म 6 जमा कराया है लेकिन उनकी फोटो कॉपी उपलब्ध नहीं कराई । जिस पर आपत्ति दर्ज कराई गई और 23 जून को प्रथम अपील अधिकारी कम जिला शिक्षा अधिकारी के पास प्रथम अपील दायर करके संपूर्ण जानकारी दिलाने के लिए कहा गया। 7 जुलाई को प्रथम अपील अधिकारी ने एसपीआईओ को आदेश दिया कि आवेदक को संपूर्ण जानकारी फोटोस्टेट के साथ निशुल्क प्रदान कराई जाए। जानकारी फिर भी न मिलने पर आवेदक ने 21 जुलाई को जब संबंधित क्लर्क से संपूर्ण जानकारी देने के लिए आग्रह किया तो उसने कहा कि या तो आवेदक या जिला शिक्षा अधिकारी ₹1000 उपलब्ध कराए तब ही जानकारी प्रदान की जा सकती है। इसके बाद जानकारी न मिलने पर 23 जुलाई को राज्य सूचना आयोग चंडीगढ़ के पास एसपीआईओ व प्रथम अपील अधिकारी के खिलाफ द्वितीय अपील दायर कर दी गई है। मंच के जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा पहले भी किसी भी आवेदक को संपूर्ण जानकारी प्रदान नहीं की जाती है और प्रथम अपील अधिकारी भी इस विषय पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाता है। आरटीआई के तहत मांगी गई संपूर्ण जानकारी न देना आरटीआई नियम की अवमानना है।

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