‘गम के महीने’के रूप में मनाया जाता है मुहर्रम : धर्मबीर भड़ाना

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TODAY EXPRESS NEWS : फरीदाबाद : आदर्श नगर, एन.एच.4 में शुक्रवार को धूमधाम से ताजिया निकाला गया। इस अवसर पर आप नेता धर्मबीर भड़ाना ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और ताजिया के जलूस में शामिल हुए। धर्मबीर भड़ाना ने मुस्लिम भाईयों के साथ ताजिया भी खेला और जलूस का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ताजिया हजरत इमाम हुसैन कि याद में बनाया जाता है। इस्लाम में कुछ लोग इस कि आलोचना करते है मगर ये ताजियदारी बहुत शान से होती है। ताजय़िा बाँस की कमाचिय़ों पर रंग-बिरंगे कागज, पन्नी आदि चिपका कर बनाया हुआ मकबरे के आकार का वह मंडप जो मुहर्रम के दिनों में मुसलमान/ शिया लोग हजरत इमाम हुसेन की कब्र के प्रतीक रूप में बनाते है और जिसके आगे बैठकर मातम करते और मर्सिये पढ़ते हैं।

ग्यारहवें दिन जलूस के साथ ले जाकर इसे दफन किया जाता है। मोहर्रम का दसवाँ दिन सबसे ख़ास माना जाता है। मुहर्रम के महीने में दसवें दिन ही इस्लाम की रक्षा के लिए हजऱत इमाम हुसैन ने अपने प्राणों का त्याग दिया था। कई क्षेत्रों में हिन्दू भी इस में बढ़-चढक़र हिस्सा लेते है और ताजिया बनाते है। धर्मबीर भड़ाना ने कहा कि मोहर्रम में जो मरसिया गाया जाता है उसमें इमाम हुसैन की मौत का बहुत विस्तार से वर्णन किया जाता है। लोगों की आँखें नम होती हैं। काले बुर्के पहने खड़ीं महिलाएं छाती पीट-पीटकर रो रही होती हैं और मर्द ख़ुद को पीट-पीटकर ख़ून में लतपत हो जाते हैं। इस अवसर पर उनके साथ विजय गुर्जर, राजूद्दीन, सलीम बैसला, माधव झा, मनोरंजन झा, फहीमुद्दीन, सैफूदीन, फजर खां, शहीद आदि मौजूद थे।

( टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ के लिए अजय वर्मा की रिपोर्ट )


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