“मुझे अपने देश पर अटूट विश्वास है… अब समय आ गया है कि हम दुनिया को दिखाएँ कि हम कितने सक्षम हैं।” – अभिषेक बच्चन भारत की ग्लोबल स्ट्रेंथ पर

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टुडे एक्सप्रेस न्यूज़। रिपोर्ट मोक्ष वर्मा। जैसे-जैसे भारत एशिया कप और एशियन गेम्स में शानदार जीत हासिल कर रहा है, अभिषेक बच्चन देश की एंटरप्रेन्योर और खेल की भावना का जश्न मनाने वाली एक सशक्त आवाज़ बनकर उभरे हैं। सिनेमा से हट कर, उन्होंने एक जुनूनी खेल प्रेमी और ‘मेक इन इंडिया’ के इडिया में गहरा विश्वास रखने वाले समर्थक के रूप में अपनी प्रतिष्ठा बनाई है।

अभिषेक ने हाल ही में एक बातचीत में इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा, “मुझे अपने देश, हमारी क्षमताओं और योग्यताओं पर अपार विश्वास है। और मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि हम दुनिया को दिखाएँ कि हम क्या कर सकते हैं।”

प्रो कबड्डी लीग की सबसे प्रतिष्ठित टीमों में से एक, जयपुर पिंक पैंथर्स का उनका स्वामित्व इसी विश्वास को दर्शाता है। जब उनसे सिनेमा से बाहर उनके सबसे संतोषजनक कदम के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बिना हिचक अपनी टीम का ज़िक्र किया—एक ऐसा प्रयास जो उनकी सोच को पूरी तरह दर्शाता है। उनकी प्रो कबड्डी लीग टीम। पैंथर्स, जो लगातार बड़ी होती फैनबेस को प्रेरित कर रही है, इस बात का प्रतीक हैं कि कैसे कबड्डी जैसे स्वदेशी खेल को वैश्विक मंच पा सकता है।

लेकिन उनका विज़न केवल कबड्डी तक सीमित नहीं है। वहदाम टीज़ और नागिन सॉस जैसे घरेलू ब्रांड्स में निवेश के ज़रिए अभिषेक लगातार भारत की श्रेष्ठता से जुड़ी पहलों को समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने कहा,
“चाहे वह कबड्डी हो, या वहदाम टीज़, या नागिन सॉस, या फिर कोई भी चीज़ जिसमें मैं और हमारा फैमिली ऑफिस शामिल हैं—उसका बड़ा हिस्सा ‘मेक इन इंडिया’ की सोच से प्रेरित है। और यह एक ऐसी सोच है, जिस पर मैं विश्वास करता हूं।”

साथ ही, अभिषेक अपने अभिनय में भी लगातार रचनात्मक सीमाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। गुरु और ब्लफ़मास्टर जैसी प्रशंसित फिल्मों से लेकर ‘दसवीं,’ ‘लूडो,’ ‘बॉब बिस्वास,’ ‘कालीधर लापता’ और ‘घूमर’ जैसी हालिया हिट फिल्मों तक, उनकी फ़िल्मोग्राफी एक दुर्लभ संतुलन को दर्शाती है—मुख्यधारा की लोकप्रियता के साथ-साथ ऐसी दमदार अदाकारी, जिसे आलोचकों की भी सराहना मिलती है। इतने विविध कार्यों के साथ, 2025 उनकी सिनेमाई यात्रा में एक निर्णायक वर्ष साबित हो रहा है।

चाहे वह सिनेमा हो, खेलों की टीम का स्वामित्व या भारतीय मूल के व्यवसायों में निवेश—अभिषेक बच्चन एक व्यापक सोच का प्रतिनिधित्व करते हैं: भारत की असली ताकत अपनी संस्कृति से जुड़े रहते हुए वैश्विक मंच पर इनोवेशन करने, प्रेरणा देने और प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता में निहित है।

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