बिहार से भी बदत्तर स्थिति हो गई फरीदाबाद की : सुभाष शर्मा

0
1129
subhash-sharma-senior-journalist-of-pti-faridabad
वरिष्ठ पत्रकार सुभाष शर्मा

TODAY EXPRESS NEWS : रिपोर्ट / सुभाष शर्मा / सीनियर जर्नलिस्ट P.T.I. / चुनावी माहौल है और पुलिस अधिकारी बेलगाम है क्योंकि उन्हें पता है कि उनका तबादला अब हो नही सकता जिसे भी टांगना चाहे टांग सकते है। इस मामले में पुलिस कमिश्रर संजय कुमार पर उगुंलियां उठ रही है क्योंकि उनके नाम से पुलिस अधिकारी खुलेआम उगाही कर रहे है। कोई भी जनप्रतिनिधि इस वक्त उनसे सवाल नहीं पूछ सकता। अभी हाल ही में क्राईम ब्रांच ने सेक्टर-21ए व एक अन्य जगह क्रिकेट पर सट्टा खेलने वाले कुछ लोगों को धर दबोचा। आरोप है कि लाखों का लेन-देन कर मामला हलका कर दिया गया परंतु जब इस मामले की गहराई से जांच की गई तो पता चला कि पुलिस सट्टा कारोबारियों के जो पुलिस की उगाही के डर से काम बंद करे बैठे है। उनको गिरफ्तारी का डर दिखाकर जबरन उगाही कर रही है। पुलिस की क्राईम ब्रांच भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई है किसी को भी अंदर भेजने, एफआईआर दर्ज करने व शारीरिक रुप से प्रताडि़त कर उगाही की जा रही है। इस जिले की हालत बिहार से भी बदतरहो गई है। पुलिस अधिकारियों के पास जो कानून की असीमित शक्तियां है। उनका इस्तेमाल उगाही करने में हो रहा है। पूरे शहर में पुलिस की इस कार्यशैली के चर्चे है।

(ये खबर भी पढ़े http://23 मई के बाद पूरी तरह से बिखर जाएगा विपक्षियों का महाठगबंधन : कृष्णपाल गुर्जर )

कई पीडि़तों ने विधायकों-मंत्रियों से संपर्क साध जब अपने साथ हो रही ज्यादतियों का रोना रोया तो जनप्रतिनिधियों ने हाथ खड़े कर दिये बोले कि अभी चुनावी माहौल है। पुलिस की मदद की उन्हें जरुरत है, ऐसे में अगर कुछ दबाव बनाएंगे तो उनके काम नहीं होंगे। हालांकि ये जनप्रतिनिधि एक बात जरुर कह रहे है कि 23 मार्च को नतीजे घोषित होते ही इन भ्रष्ट अधिकारियों को जिले से चलता कर दिया जायेगा। सूत्रों का दावा है कि सीआईडी व अन्य विभागों के माध्यम से यह खबर मुख्यमंत्री के कानों तक भी पहुंच चुकी है कि फरीदाबाद की पुलिस भ्रष्टाचार के नित नए आयाम स्थापित कर रही है। खैर अब चुनावी के बाद ही उन पर लगाम लग पायेगी। यह भी पता चला है कि कांग्रेस के कुछ नेता अपनी पुरानी लेनदारी की उगाही भी पुलिस के सहयोग से कर रहे है। अपने आपसी विवाद जो दिवानी अपराध की श्रेणी में आते है, उनका रेट भी तय हो चुका है यानी पुलिस विभग जो कानून की रक्षा के लिए होता है। लोगों से दोस्ताना व्यवहार के लिए बना है, पूरी तरह से उल्टा चल रहा है, अभी तो हमने क्राईम ब्रांच की कार्यशैली का कुछ बखान किया है। पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा क्या गुल खिला रही है, इसकी जानकारी अगली कड़ी में दी जाएगी.

LEAVE A REPLY