टुडे एक्सप्रेस न्यूज़। रिपोर्ट मोक्ष वर्मा। फिल्म-मेकर , अभिनेता और क्रिएटिव एंटरप्रेन्योर शेखर कपूर हमेशा से ही एक ऐसे कहानीकार रहे हैं जो सीमाओं को चुनौती देते हैं। ‘एलिज़ाबेथ’ जैसी विश्व प्रसिद्ध फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले शेखर कपूर की रचनाएं ऑस्कर, बाफ्टा और फिल्मफेयर जैसे पुरस्कारों के लिए नामांकित हो चुकी हैं। उनके काम में भव्यता और संवेदनशीलता दोनों ही देखने को मिलती है।
सिनेमा के अलावा, उन्होंने दुबई एक्सपो 2022 के भव्य म्यूजिकल शो का निर्माण ए.आर. रहमान के साथ मिलकर किया, जो कला, संस्कृति और तकनीक के संगम की उनकी दृष्टिकोण का प्रमाण है।
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जेएलएफ न्यूयॉर्क 2025 में, उन्होंने फेस्टिवल प्रोड्यूसर संजॉय के. रॉय के साथ एक गहन बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपनी रचनात्मक यात्रा की कई परतों को दर्शकों के सामने उजागर किया। इतिहास को पर्दे पर जीवंत करने से लेकर वैश्विक म्यूजिकल थिएटर में प्रयोग करने तक, उन्होंने उस निरंतर विकास के बारे में बात की जो उनके रचनात्मक कार्य को प्रेरित करता है।
भारतीय जड़ों और अंतरराष्ट्रीय ख्याति के बीच संतुलन बनाने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाने वाले, शेखर कपूर के जेएलएफ में संवाद ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कैसे रचनात्मकता जब विभिन्न क्षेत्रों में पनपती है, तो वह जीवन भर की खोज बन सकती है। जेएलएफ में उनकी उपस्थिति ने न सिर्फ उनके व्यक्तिगत योगदान को सम्मानित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारतीय रचनात्मकता किस प्रकार कंटेम्परेरी ग्लोबल कल्चर को आकार दे रही है।