टुडे एक्सप्रेस न्यूज़। रिपोर्ट मोक्ष वर्मा, मुंबई। झिम्मा 2 की व्यावसायिक सफलता और फसक्लास दाभाड़े की आलोचनात्मक प्रशंसा के बाद, कलर येलो और चलचित्र मंडली एक बार फिर अपनी तीसरी सहयोग, क्रांतिज्योति विद्यालय – मराठी माध्यम के साथ वापस लौट आए हैं।
इस फिल्म का निर्माण आनंद एल. राय और क्षिती जोग ने किया है, जबकि निर्देशन और लेखन की ज़िम्मेदारी हेमंत ढोमे ने संभाली है। यह फिल्म भारत में क्षेत्रीय भाषाओं के माध्यम से शिक्षा की जटिलताओं को उजागर करती है, विशेष रूप से मराठी माध्यम स्कूलों पर केंद्रित है। फिल्म की टैगलाइन है: “आता मराठी शाळा भरणार”, जो मराठी शिक्षा व्यवस्था की सच्चाइयों, चुनौतियों और भावनात्मक पहलुओं को गहराई से दर्शाने का वादा करती है।
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अपनी विशिष्ट कहानी कहने की शैली और सांस्कृतिक संवेदनशीलता के लिए प्रसिद्ध इन दोनों बैनरों का उद्देश्य फिर से ऐसा सिनेमा प्रस्तुत करना है जो दिल को छुए और गहराई से जुड़े। उनकी पिछली फिल्मों ने न केवल आलोचकों से सराहना पाई, बल्कि दर्शकों का भरपूर प्यार भी प्राप्त किया है।
हालांकि फिल्म की कहानी के विवरण अभी सामने नहीं आए हैं, क्रांतिज्योती विद्यालय – मराठी माध्यम से उसी भावनात्मक गहराई, समझ और प्रामाणिकता की उम्मीद है, जो इस रचनात्मक तिकड़ी की पहचान बन चुकी है। यह फिल्म ‘कलर येलो’ की चौथी मराठी भाषा में बनने वाली फिल्म भी है, जो क्षेत्रीय कहानियों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।