गणतंत्र दिवस पर रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी से ठीक हुए मरीजों ने किया रैंप वॉक

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टुडे एक्सप्रेस न्यूज़। रिपोर्ट अजय वर्मा। फरीदाबाद: 26 जनवरी, 2024: गणतंत्र दिवस के अवसर पर सेक्टर-16 स्थित मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में टोटल घुटना एवं कूल्हे की रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी तकनीक से ठीक हुए मरीजों ने अपने पैरों पर एक बार फिर से खड़े होने की आजादी का जश्न मनाया। इस खास मौके पर लगभग 100 लोग (मरीज और उनके परिजन) उपस्थित रहे जिनमें से सभी 70 मरीजों ने गाना गाकर, रैंप वॉक कर अपनी ख़ुशी का इज़हार किया।

इस अवसर पर मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में ऑर्थोपेडिक एवं रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि लंबे समय से घुटनों में दर्द एवं कूल्हे की गंभीर समस्या से ग्रस्तलोगों के लिए घुटना एवं कूल्हे की रोबोटिक रिप्लेसमेंट सर्जरी वरदान साबित हो रही है। कार्यक्रम में आए कुछ मरीजों की सर्जरी को दो साल, तीन साल या पांच साल हो गए हैं और उनके घुटनों का दर्द हमेशा के लिए खत्म हो गया है। सर्जरी के बाद उनके जीवन की गुणवत्ता बढ़ गई है, ठीक से चल-फिर रहे हैं और वे सामान्य रूप से अपने रोजमर्रा के कार्यों को करने में भी सक्षम हैं। सर्जरी से पहले घुटनों के असहनीय दर्द के कारण ये लोग बहुत ही पीड़ादायक जिंदगी जी रहे थे।

इस दिशा में रोबोट असिस्टेड 5D रिप्लेसमेंट सर्जरी ज्यादा बेहतर परिणाम दे रही है क्योंकि इसमें छोटा सा चीरा लगता है, सर्जरी के लगभग 6 घंटे बाद मरीज अपने पैरों पर चलने लगता है और मरीज रिकवरी भी बहुत तेजी से करता है। कार्यक्रम में मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स से ऑर्थोपेडिक एवं रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. रोहित ठक्कर और डॉ. विनीत विमल कर्ण के अलावा हॉस्पिटल के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।

मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में ऑर्थोपेडिक एवं रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि काफी लोगों में भ्रम हैं कि घुटनों की रिप्लेसमेंट सर्जरी कराने के बाद वे ठीक नहीं हो पाएंगे, उनकी तकलीफ और ज्यादा बढ़ जाएगी, चल-फिर नहीं पाएंगे और उन्हें रोजाना लगभग 5 किलोमीटर तक चलना पड़ेगा। इसलिए वे घुटनों की रिप्लेसमेंट सर्जरी कराने से कतराते हैं। ऐसा कुछ नहीं है कि घुटनों की रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद आपको 4-5 किलोमीटर रोजाना चलना जरूरी है। अगर आप अपनी रोजाना की रूटीन एक्टिविटी करते रहें, घर के काम कर रहे हैं, घर में ही घूम-फिर रहे हैं तो भी रोजाना हमारी एक-दो किलोमीटर की वाकिंग (चलना) हो जाती है। इतना भी काफी है जिससे हमारा घुटना ठीक से कार्य करता रहेगा। इससे आपकी मसल टोन, मसल पॉवर और हड्डी ठीक बनी रहेगी। अगर किसी मरीज के लिए 5 किलोमीटर तक चलना आरामदायक है तो वह चल सकता है। जो मरीज स्विमिंग करने में कंफर्टेबल है तो वह स्विमिंग कर सकता है। मरीज सुविधाजनक रूप से अपनी एक्टिविटी कर सकता है।
सर्जरी के बाद घुटने की देखभाल पर जानकारी देते हुए डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि जिन मरीजों का घुटना रिप्लेसमेंट हुआ है, उन्हें थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। अगर वे अपने घुटनों पर ज्यादा स्ट्रेस डालते हैं तो उनके घुटने की लाइफ काफी कम हो सकती है। इसलिए उन्हें सलाह दी जाती है कि वे बहुत अधिक न चलें, अनावश्यक सीढ़ियां चढ़ने-उतरने से बचें, अत्यधिक वजन उठाने वाले व्यायाम न करें, भारी वजन लेकर न चलें और आलती-पालथी मारकर न बैठें।

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