सेव अरवाली ट्रस्ट के सदस्यों दुरा रेस्क्यू किये गए हाइना (लकड़बघ्घा) की 12 घंटे से भी पहले मौत हो गई जो कि हरियाणा वाइल्ड लाइफ के सुप्रद किया गया था।

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The Saved Hyena (hyena), a member of the Save Arwali Trust, was rescued more than 12 hours earlier, which was corrected to the Haryana Wildlife.

Today Express News | Ajay verma | कल सुबह सेव अरवाली के सदस्य यश भड़ाना ओर संदीप यादव अरवाली में लगाय गए पोधो का निरक्षण करने गए थे तभी उन्हें ये हाइना दिखाई दिया जो कुछ बीमार लग रहा था उन्हों ने इस कि सूचना वाइल्ड लाइफ इस्पेक्टर चरण सिंह को दी चरण सिंह ने वाइल्ड लाइफ की रेस्क्यू टीम को भेजा और वो उस हाइना को अपने साथ ले गए। और कमाल की बात है वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट जो की सरकारी होता है जिस में वाइल्ड लाइफ के एक्सपर्ट डॉक्टर्स होते है और अच्छा खासा बजट होता है साल का उस के बावजूद भी वाइल्ड लाइफ टीम ने इस हाइना को एक लोकल NGO को सौप दिया जिस का नतीजा ये हुआ की इस हाइना की मौत हो गई और वो भी कुछ ही घण्टो में। इस हाइना की मौत की ज़िम्मेदार या गलती किस की बनती है…उन वाइल्ड लाइफ अधिकारियों की जिन्हों ने अपना काम ज़िम्मेदारी से नही किया या उस एनिमल NGO की की जिस के पास इस तरह के वाइल्ड जानवरो का ट्रीटमेंट करने की पूरी सुविधा या एक्सप्रिन्स नही है।यह सब होने के बाद भी जब सेव अरवाली ट्रस्ट ने वाइल्डलाइफ अधिकारियों को सम्पर्क करने का प्रयास किया परन्तु कोई भी अधिकारी इस विषय पर बात करने को तैयार नही है ज्ञात हो कि पिछले वर्ष भी इस ही प्रकार एक हष्ट पुष्ट तेंदुआ जो कि सरूरपुर से रेस्क्यू किया गया था वाइल्डलाइफ अधिकारियों की इस ही लापरवाही के कारण 12 घण्टे में मारा गया था

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