स्वास्थ्य विभाग ने अवैध गर्भपात करने वाले केंद्र का भंडाफोड़ : सीएमओ डॉ. रणदीप सिंह पुनिया

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CMO Dr. Randeep Singh Punia
CMO Dr. Randeep Singh Punia

Today Express News / Ajay verma / फरीदाबाद, 17 दिसंबर। सीएमओ डॉ. रणदीप सिंह पुनिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम को काफी समय से सूचना मिल रही थी कि शहर के नंगला एन्क्लेव में एक दंपति पिछले काफी समय से अवैध गर्भपात का कार्य कर रहे हैं। सूचना मिलने स्वास्थ्य विभाग की एक टीम का गठन किया गया। टीम ने सुबह 03:30 बजे एक गर्भवती महिला (डिकोय) को भेजकर अवैध गर्भपात का कार्य करने वाले इन दोनो पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया। चिकित्सक की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

सीएमओ डॉ. पुनिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को पिछले काफी समयय से सूचना मिल रही थी कि नंगला एन्क्लेव पार्ट-1 में पिछले सात-आठ वर्ष से एक व्यक्ति सत्यपाल सिंह अपनी पत्नी धर्मवती के साथ अवैध रूप से अवैध गर्भपात व मैडिकल प्रैक्टिस कर रहा है। सूचना थी कि वह छह माह तक की गर्भवति महिलाओं का भी गर्भपात करता है। इसी आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. हरीश आर्य डिप्टी सीएमओ, एसएमओ खेड़ी कलां डॉ. हरजिंद्र, एमओ तिगांव डॉ. राखी, ड्रग कंट्रोल आफिसर संदीप गहलावत की एक टीम का गठन किया। टीम ने गुरुवार सुबह 03:30 बजे एक 14 सप्ताह की गर्भवती महिला को डिकोय बनाकर यहां पर भेजा। मकान में जब महिला के गर्भपात की तैयारी की जा रही थी तो टीम ने तुरंत तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इन सभी के खिलाफ थाना सारन में इन सभी के खिलाफ एमटीपी एक्ट, आईएमसी एक्ट, डीएंडसी एक्ट व आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

12वीं फेल सत्यपाल सिंह ने विजिटिंग कार्ड पर लिखवा रखा था डॉ. सत्यपाल सिंह एमबीबीएस डिप्टी सिविल सर्जन व टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ. हरीश आर्य ने बताया कि जब टीम ने यहां छापा मारा तो देखा कि यहां आपरेशन थिएटर, लेबर रूम सहित पूरा अस्पताल तैयार कर रखा था। पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि यहां डॉ. कृष्ण कुमार प्रैक्टिस करते हैं। यहाँ डॉ. कृष्ण कुमार के नाम से स्टैंप, लैटर पैड पर कुछ अन्य सामग्री भी मिली, लेकिन डॉ. कृष्ण कुमार वहां मौजूद नहीं थे। इसके बाद टीम यह देखकर अचंभित हो गई कि महिला का यहां मौजूद सत्यपाल सिंह स्वयं डिकोय महिला का अबार्शन करने वाले थे। उन्हें यहां से एक विजिटिंग कार्ड भी मिला जिस पर लिखा था डॉ. सत्यपाल सिंह एमबीबीएस। वह यहां आने वाले लोगों को भी स्वयं को एमबीबीएस डॉक्टर ही बताता था। उन्होंने बताया कि यहां इस अवैध गर्भपात केंद्र की छत बड़ी मात्रा में खाली ग्लूकोज की बोतलें, सिरिंज और बायोमैडिकल वेस्ट से पटी पड़ी थी।

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