भावी इंजीनियर्स के लिए बढ़ रहा है गणित का महत्व: कुलपति प्रो. दिनेश कुमार

0
1760
The importance of mathematics is increasing for future engineers Vice Chancellor Prof Dinesh Kumar

फरीदाबाद, 10 सितम्बर – जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के गणित विभाग तथा कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मैटलैब एवं पाइथन साफ्टवेयर अनुप्रयोगों का उपयोग करते हुए वैज्ञानिक कम्प्यूटिंग विषय पर एक सप्ताह की कार्यशाला प्रारंभ हो गई। टीईक्यूआईपी-3 के अंतर्गत प्रायोजित इस कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों के 500 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में आईआईटी कानपुर से पदमश्री पुरस्कार विजेता प्रो. मनिंदर अग्रवाल मुख्य वक्ता रहे। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। इस अवसर पर कुलसचिव डा. एस. के. गर्ग, कंप्यूटर इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रो. कोमल भाटिया, गणित की विभागाध्यक्ष डा. नीतू गुप्ता, विज्ञान संकाय के डीन प्रो. आशुतोष दीक्षित, टीईक्यूआईपी निदेशक प्रो. विक्रम सिंह और टीईक्यूआईपी समन्वयक प्रो. मुनीश वशिष्ठ भी उपस्थित थे। इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने भविष्य के इंजीनियरों के लिए गणित के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि तेजी से उभरती प्रौद्योगिकी में गणित का उपयोग काफी बढ़ गया है, जिसके लिए इंजीनियर्स को गणित के क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनानी होगी। अपने मुख्य व्याख्यान में प्रो. मनिंदर अग्रवाल ने कम्प्यूटेशनल तकनीकों में मैटलैब एवं पाइथन अनुप्रयोगों के उपयोग के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। इससे पहले, स्वागतीय भाषण में डॉ. नीतू गुप्ता ने दो-सप्ताह के कार्यक्रम का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला गणित एवं कंप्यूटर विज्ञान विधाओं से संबंध रखने वाले यूजी और पीजी विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई है। उन्होंने बताया कि गणित विभाग नियमित रूप से इस तरह के वेबिनार और कार्यशालाओं का आयोजित कर रहा है। सत्र को संबोधित करते हुए प्रो. आशुतोष दीक्षित ने गणितीय संगणना, मॉडलिंग और डेटा विश्लेषण में कार्यशाला के दौरान कवर की जाने वाली विषयवस्तुत की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे वेब डिजाइनिंग तथा कैड एप्लिकेशन पाइथन का उपयोग किया जा सकता है। उद्घाटन सत्र के समापन पर कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

LEAVE A REPLY