टुडे एक्सप्रेस न्यूज़। रिपोर्ट मोक्ष वर्मा। ज़ी टीवी के रियलिटी शो ‘छोरियाँ चली गाँव’ में कृष्णा श्रॉफ की सफर ने बमूलिया में हाल ही में हुए जन्माष्टमी समारोह के दौरान एक प्रेरणादायक मोड़ ले लिया। शो के पहले ही सप्ताह में कृष्णा ने अपने स्टेज फियर और घबराहट के बारे में खुलकर बात की थी। जो कभी दर्शकों के सामने परफॉर्म नहीं कर पा रही थीं, उन्होंने सिर्फ एक हफ्ते में एक संपूर्ण जन्माष्टमी स्पेशल डांस रूटीन को खूबसूरती से पूरा किया।
कृष्णा ने बसेरा में प्रस्तुति न दे पाने पर चिंता और मंच पर आने के डर को सामान्य बनाने की कोशिश में खुलकर अपनी चिंता और मंच पर आने के डर के बारे में बात की है। लेकिन इस हफ्ते उन्हें गांववालों के सामने परफॉर्म करना था — और यही चुनौती उनके सबसे बड़े डर के सामने खड़े होने का मौका बन गई। जो शुरुआत में एक लकवाग्रस्त चिंता के रूप में हुई थी, वह व्यक्तिगत विकास के अवसर में बदल गई, क्योंकि कृष्णा ने भगवान कृष्ण के जन्माष्टमी समारोह की उत्सवी भावना को अपनाने के लिए अपनी कंफर्ट ज़ोन से बाहर निकलकर काम किया।
एक रचनात्मक प्रेरणा के पल में, और अपने डांस पार्टनर यानी एक बच्चे की मदद और मोटिवेशन से, कृष्णा ने एक जटिल शैडो डांस परफॉर्मेंस दी — और उन्होंने खुद कहा कि उस बच्चे से उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। इस प्रस्तुति में कृष्णा ने सुंदर पोशाक पहनी थी, शुरुआत में पर्दे के पीछे परफॉर्म किया, और फिर दर्शकों के सामने आईं — इस हिम्मत के लिए शो के होस्ट रणविजय सिंघा ने भी उन्हें बधाई दी।
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व्यक्तिगत सीमाओं को पार करने और स्थानीय परंपराओं का सम्मान करने के उनके सच्चे प्रयास ने गांववालों और शो के बाकी प्रतियोगियों के दिल को छू गई। रणविजय ने कृष्णा की तारीफ करते हुए यहां तक कहा कि अब उनके पिता जैकी श्रॉफ के पास अब एक टाइगर (श्रॉफ) और एक शेरनी दोनों हैं। रणविजय ने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा, “भिडू के पास एक टाइगर तो है ही, लेकिन अब एक शेरनी भी है।”
कृष्णा की यह यात्रा — डर से आत्मविश्वास की ओर — सीज़न के सबसे प्रेरणादायक पलों में से एक बन गई है। यह उनके दृढ़ संकल्प और विकास का प्रतीक बनकर उभरी है — और एक फुल-सर्कल मोमेंट भी, इस फिटनेस आइकन और एंटरप्रेन्योर के लिए।