आर्टपार्क ने कोडिवर 2021 का समापन किया, 69 हजार से ज्यादा लर्नर्स को दुनिया बदलने वाली एआई और कोडिंग परियोजनाएं बनाने का मौका मिला

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● इस प्रतियोगिता में 68 देशों से छात्रों की 69525 टीमों ने हिस्सा लिया

● भारत, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, फिलीस्तीन, सिंगापुर, कोरिया और मलेशिया समेत अन्य देशों से छात्रों की टीमों ने प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा भागीदारी दर्ज कराई

● विजेताओं को कुल 15 हजार डॉलर की लागत के 80 से ज्यादा आकर्षक इनाम बांटे गए, जिनमें लैपटॉप, टैबलेट, स्कॉलरशिप, कूपन, एआई और रोबोटिक्स किट्स शामिल थे

Today Express News / Ajay verma / नेशनल, 12 मई, 2022 : बेंगलुरु स्थित गैर-लाभकारी संगठन एआई एंड रोबोटिक्स टेक्‍नोलॉजी पार्क (आर्टपार्क) ने मार्च 2022 में स्टेमपीडिया द्वारा पावर्ड तीसरी अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन कोडिंग प्रतियोगिता, कोडिवर 2021 का समापन किया। यह प्रतियोगिता 20 अक्टूबर 2021 से 10 फरवरी 2022 तक आयोजित की गई। इसका मकसद 7 से 18 साल के बच्चों को उनकी बेहतरीन एआइ एवं कोडिंग स्किल्‍स से नई-नई एआइ परियोजनाएं बनाने और दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए प्रेरित करना है। प्रतियोगिता का उद्देश्य भागीदारों में परियोजना बनाने के व्‍यावहारिक दृष्टिकोण के जरिए आलोचनात्मक सोच (क्रिटिकल थिकिंग), रचनात्मकता (क्रिएटिविटी), मिलजुलकर काम करने की भावना (कोलैबेरेशन) और संवाद (कम्युनिकेशन) की क्षमता विकसित करना था। यह 21वीं सदी के कौशल के 4सी (C’s) हैं। यह आयोजन आर्टपार्क के भारत समेत दुनिया भर में मजबूत एआई और रोबोटिक्स समुदाय विकसित करने के बड़े लक्ष्य का हिस्सा था।

इस ऑनलाइन प्रतियोगिता में 68 देशों के विद्यार्थियों की 69525 टीमों ने हिस्सा लिया। विद्यार्थियों ने तीन आयु वर्ग से संबंधित श्रेणियों, प्रारंभिक (7-10 साल), जूनियर (11-14 साल) और सीनियर (15-18 साल) में इस मुकाबले में भाग लिया। प्रतियोगिता के इस तीसरे संस्करण का विषय स्वास्थ्य संबंधी आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाना, आसपास के माहौल में रोजाना इस्तेमाल की चीजों के स्वचालन, विश्व का मनोरंजन, पर्यावरण की रक्षा और बाहरी दुनिया की खोज था।

आर्टपार्क के सीईओ और संस्थापक श्री उमाकांत सोनी ने इस चुनौती के बारे में बात करते हुए कहा, “सीखने के लिए सीखना और किसी नई चीज का निर्माण करने के लिए सीखना भविष्य में जरूरी ऐसे दो महत्वपूर्ण हुनर होंगे जिनकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुभव पर आधारित अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा मांग होगी। इससे ज्ञान पर आधारित अर्थवयवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इंटरनेशनल ऑनलाइन कोडिंग प्रतियोगिता 2021 बच्चों में यह जरूरी क्षमताएं विकसित करने का ऐसा ही एक प्रयास था, जिससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस युग में न केवल उनका अस्तित्व बना रहे, बल्कि वह फल-फूल भी सकें। हम इस प्रतियोगिता में भागीदारी के प्रति छात्रों के रुख को देखकर काफी उत्साहित हुए। बच्चों से हमें जिस तरह के प्रोजेक्ट्स इस प्रतियोगिता के लिए मिले, उससे हमारा यह विश्वास बेहद मजबूत हो गया था कि हर बच्चा अनोखा और अलग होता है। उनमें कुछ नया निर्माण कर समाज को बेहतरी के लिए बदलने की क्षमता होती है। आर्टपार्क में स्टेमपीडिया के सहयोग से बच्चों के लिए इस तरह की प्रतियोगिताओ का आयोजन जारी रखा जाएगा और उन्हें अपनी पसंद की दुनिया का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित किया जाएगा।”

कोडिवर 2021 की टाइटल स्पॉन्सर और अमेरिका निवासी निवेशक और परोपकारी एमजीएफ की संस्थापक श्रीमती आशा जडेजा ने अनुभव पर आधारित परियोजनाओं की अहमियत पर प्रकाश डाला। उनके अपने शब्दों में, “कोडिवर छोटे बच्चों को कोडिंग की दुनिया में आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण प्रोत्साहन, ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान कर रही है। वह उन्हें निवेश में हिसेदारी या रॉयल्टी देने वाले और स्टार्टअप कंपनियों में निवेश के इच्छुक निवेशकों तक पहुंच उपलब्ध करा रहा है। सबूतों से यह स्पष्ट है कि जब बच्चों को व्यावहरिक रुख से किसी प्रोजेक्ट पर आधारित नजरिये से शिक्षा दी जाती है तो पढ़ाई उनके लिए काफी मजेदार बन जाती है और वह उसमें काफी गहराई से जुड़ते हैं।“

इंटरनेशनल ऑनलाइन कोडिंग प्रतियोगिता, कोडिवर की शुरुआत 20 अक्टूबर को यूट्यूब पर एक भव्य समारोह से की गई। प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में अमेरिका में मोटवानी जडेजा फाउंडेशन की संस्थापक आशा जडेजा मोटवानी, भारत में आर्टपार्क के सहसंस्थापक और सीईओ उमाकांत सोनी, स्टेममीडिया के सहसंस्थापक और सीटीओ पंकज कुमार वर्मा, अमेरिका में फांउडेशन के संस्थापक, लेखक और शिक्षाविद डॉ. वेंडी मुहलहौसर और अफ्रीका में डेस्टिनेशन इमेजिनेशन फाउंडेशन के सीईओ सैली किमांगु जैसी कई महत्वपूर्ण हस्तियों ने हिस्सा लिया।

इस प्रतियोगिता में 17 से ज्यादा देशों के 607 स्कूलों की शैक्षिक साझेदारी दर्ज की गई, जिसमें से 548 स्कूल सिर्फ भारत के थे। इस प्रतियोगिता में भारत, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, फिलीस्तीन, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और मलेशिया समेत दूसरे देशों के विद्यार्थियों ने व्यक्तिगत और टीमों के रूप में अपनी सबसे ज्यादा मौजूदगी दर्ज कराई। इस प्रतियोगिता में 55 ट्रेनिंग पार्टनर्स और 15 कम्युनिटी पार्टनर्स ने भी हिस्सा लिया। विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के कॉन्सेप्ट समझाने और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के सबंध में विद्यार्थियों और अध्यापकों का मार्गदर्शन करने के लिए 20 से ज्यादा मुफ्त एआई और कोडिंग बूटकैंप ऑनलाइन और ऑफलाइन आयोजित किए गए। विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए 150 से ज्यादा डाउट सेशन भी आयोजित किए गए।

इस प्रतियोगिता में 16 देशों के 80 से ज्यादा विजेताओं को पुररस्कार वितरित किए किए गए। । इसमें से भारत के 38, फिलीस्तीन के 9, जॉर्डन के 7, मिस्र के 6, दक्षिण-अफ्रीका, सीरिया और संयुक्त अरब अमीरात के 3-3 विजेता शामिल हैं। प्रतियोगिता में दूसरे देशों जैसे इराक, थाइलैंड, इंडोनेशिया, तुर्की, ट्यूनीशिया, अल्जीरिया और अमेरिका के विजेताओं को भी सम्मानित किया है। अलग-अलग श्रेणियों के कई टॉप विजेताओं में 7 से 10 साल (डेक्टर) के आयुवर्ग में बनाई गई टीम “द वॉरियर हीरो” के भारत के अर्जुन वेंकटरमन गायत्री, 11 से 14 साल के आयुवर्ग (पिक्टलबॉक्स) में इराक के अब्दुल रहमान साता और 15 से 18 साल के आयुवर्ग (स्माइल) में टीम स्माइल से भारत की समृद्धि कोरी शामिल हैं। विजताओं को 15 हजार डॉलर कीमत के 80 से ज्यादा आकर्षक उपहार प्रदान किए, जिसमें लैपटॉप, टैबलेट, स्कॉलरशिप, कूपन समेत अन्य उपहार शामिल हैं।

समापन समारोह में विद्यार्थियों और शिक्षाविदों ने अपने अनुभव साझा किए। अर्जुन ने कहा, “इस प्रतियोगिता ने मुझे अपनी रोबोटिक्स और प्रोग्रामिंग स्किल्स को सुधारने में मदद मिली।” प्रतियोगिता में भाग लेने वाली अन्य प्रतियोगी समृद्धि ने कहा, “कोडिवर ने हमें हमारी अंदरूनी शक्ति को पहचानने में मदद दी है। प्रतियोगिता ने हमें अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए हमारे अंदर महत्वाकांक्षा की आग जलाई है और जुनून पैदा किया है। हम कई जटिल समस्याओं का समाधान स्मार्ट तरीके से निकालने में सफल हुए। इससे हमारी आलोचनात्मक रूप से सोचने की क्षमता बढ़ी।”

आर्टपार्क ने आर्टपार्क रोबोटिक्स चैलैंज 2021 को भी पेश किया। इसके तहत कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ सार्वजनिक शौचालयों की सफाई की समस्या के समाधान की दिशा में काम किया जा रहा है। इस चैलेंज का समापन 14 मई को आईआईएससी कैंपस के जेएन टाटा ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह से होगा।

आर्टपार्क के विषय में
एआई और रोबोटिक्स टेक्‍नोल़ॉजी पार्क (आर्टपार्क) अपनी तरह का अनोखा और गैर-लाभकारी फाउंडेशन है, जिसकी स्थापना बेंगलुरु मे इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (आईईएससी) ने की थी। सावर्जनिक-निजी साझेदारी के मॉडल को एआई फाउंड्री से सहयोग मिला है। इसका उद्देश्य एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और रोबोटिक्स के क्षेत्र में हुई प्रगति को बढ़ावा देना है। इसको अंतर्विषय साइबर-भौतिक प्रणालियों (एनएम-आईसीपीएस) के राष्ट्रीय मिशन के तहत विज्ञान और तकनीक मंत्रालय से 170 करोड़ रुपये (22 मिलियन डॉलर) की आधिकारिक रूप से हिस्सेदारी के रूप में पहली फंडिंग मिली थी। इसका इकोसिस्टम कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह इंडस्ट्री, शैक्षिक जगत और सरकारी निकायों की साझीदारी और आपसी समन्वय से बनाया गया संघ बन गया है। इन आविष्कारों को इस तरह व्यवस्थित किया गया है जिससे यह विभिन्न क्षेत्रों, जैसे स्वास्थ्य रक्षा, शिक्षा, यातायात के साधन, कृषि, रिटेल और साइबर सुरक्षा में भारत के संदर्भ में खासतौर पर उभरने वाली समस्याओं का समाधान खोज सकें। इसके लिए महत्वांकांक्षी मिशन के तहत इन क्षेत्रों में शोध और अनुसंधान किया जा रहा है। आर्टपार्क को कनार्टक सरकार की ओर से 60 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है। आर्टपार्क को यह अनुदान भारत में नई तकनीक, मानकों, उत्‍पादों, सेवाओं और भारत के बाहर बौद्धिक संपत्तियों की सुरक्षा के क्षेत्र में आधुनिकतम आविष्कारों के लिए दी गया है।

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