आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 13 मई को : सीजेएम सुकिर्ती गोयल

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Next National Lok Adalat to be organized on May 13 CJM Sukirti Goyal

टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ / रिपोर्ट अजय वर्मा / फरीदाबाद। सीजेएम कम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सुकिर्ती गोयल ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आगामी 13 मई  को न्यायिक परिसर सेक्टर-12 में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परिवादी इस राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह व समझौते के लिए स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपने केसों का निस्तारण करा सकते हैं।

CJM Sukirti Goyal
सीजेएम सुकिर्ती गोयल

सीजेएम एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव सुकिर्ती ने जानकारी देते हुए आगे बताया कि न्यायालय में लंबित मामलों को परस्पर सहयोग व सौहार्दपूर्ण माध्यम से निपटाने के लिए पिछले लगभग डेढ़ दशक से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति का कोई मामला न्यायालय में लंबित है, तो भी वह आपसी सहमति सुलह करके राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से उसका निस्तारण कर सकता है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति व राजीनामे से सौहार्दपूर्ण वातावरण में पक्षकारों की रजामंदी से विवाद निपटाया जाता है। कानूनी रूप से राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह किए गए केसों का भी अन्य केसों के बराबरी ही होती है।   इससे शीघ्र व सुलभ न्याय, कहीं कोई अपील नहीं, अंतिम रूप से निपटारा, समय की बचत कैसे लाभ मिलते हैं।

राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सहमति से हल होने वाले मामलों में कारगर सिद्ध तो है और होती है इन केसों की सुनवाई:-

सीजेएम सुकिर्ती गोयल ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक लोन से संबंधित मामले, मोटर एक्सीडेंट, एनआई एक्ट, फौजदारी, रेवेन्यू, वैवाहिक विवाद का निपटारा किया जाता है । डालसा सचिव ने आगे बताया कि आपसी सहमति से हल होने वाले मामलों में लोक अदालत बहुत ही कारगर सिद्ध हो रही हैं और लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की भी उतनी ही अहमियत है जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसले की होती है। उन्होंने यह भी बताया कि लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती। लोक अदालत में सस्ता और सुलभ न्याय मिलता है। इन राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से लोगों का बिना समय व पैसा गवाएं केसों का समाधान किया जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालतों में ना तो किसी पक्ष की हार होती है और ना ही जीत बल्कि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान करवाया जाता है।

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